Search

चांडिल : आतंक बने दंतैल हाथी ने चहारदीवारी व दरवाजे तोड़े, फसल किया नष्ट

  • एक क्विंटल चावल खाया और जमीन पर गिरा कर किया बर्बाद
Chandil (Dilip Kumar)झुंड से अलग घूम रहा दंतैल हाथी आतंक कम नहीं हो रहा है. हर रात हाथी किसी ना किसी क्षेत्र में मकान तोड़ कर और फसलों को नुकसान पहुंचा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. रविवार की रात चांडिल क्षेत्र में तोड़फोड़ करने के बाद सोमवार को हाथी नीमडीह प्रखंड क्षेत्र में प्रवेश कर गया. सोमवार की रात नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के रामनगर टोला मुदीडीह में रवींद्रनाथ महतो के घर की चहारदीवारी तोड़कर आम के पौधे और मकई की फसल को खा गया. इसे भी पढ़ें : तोपचांची">https://lagatar.in/topchanchi-school-van-collided-with-a-bike-and-fell-into-a-ditch/">तोपचांची

: बाइक से टकराकर स्कूल वैन गढ्ढे में गिरी, दो लोग समेत कई बच्चे घायल
हाथी ने काशीनाथ महतो के घर का दरवाजा भी तोड़ दिया. इसी गांव में जंगली हाथी ने भगवान महतो के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर रखे चावल को अपना निवाला बनाया. पीड़ितों ने बताया कि हाथी करीब एक क्विंटल चावल खा गया और जमीन पर गिराकर बर्बाद कर दिया. इसके साथ ही हाथी ने नीमडीह प्रखंड क्षेत्र की सीमा गांव में बादल प्रमाणिक के मकान का दो लोहे का दरवाजा तोड़ दिया. इसे भी पढ़ें : हिंडनबर्ग">https://lagatar.in/hindenburg-report-the-stock-market-opened-with-a-slight-decline-on-the-second-day/">हिंडनबर्ग

रिपोर्ट : दूसरे दिन भी शेयर बाजार में मामूली गिरावट, अडानी ग्रुप के दो शेयर लाल निशान पर

क्षेत्र के लिए बन गई बड़ी समस्या

https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/08/Chandil-Fasal-Hathi-1.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली दंतैल हाथी बड़ी समस्या बन गया है. यहां जंगली हाथियों का उत्पात रोकने के लिए अब तक किए गए सभी उपाय विफल हो गए हैं और हाथियों का आबादी वाले क्षेत्रों में उत्पात मचाना जारी है. गजराजों के आतंक से समूचा इलाका थर्राया हुआ है. ग्रामीण जानकारों का कहना है कि अमूमन हाथी अपनी राह चलते हैं. वे तभी किसी को नुकसान पहुंचाते हैं, जब उनके रास्ते कोई रूकावट पैदा करता है या हाथी के लिए जब कोई खतरा बनता है. इसे भी पढ़ें : मोरहाबादी">https://lagatar.in/full-dress-rehearsal-for-independence-day-celebrations-at-morhabadi-ground/">मोरहाबादी

मैदान में स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर फुल ड्रेस रिहर्सल
कुछ साल पहले तक हाथी ना उत्पात मचाते थे और ना हिंसक थे, जबकि दलमा वन्य जीव आश्रयणी क्षेत्र में कई गांव अवस्थित हैं, जहां लोग हाथियों के बीच ही रहते हैं. अब सवाल उठता है कि हाथियों के रास्ते में रूकावट किसने डाला, उसके लिए खतरा कौन बना. पहले इसका पता लगाया जाना चाहिए कि किसकी गलती के कारण ग्रामीण हाथियों का आतंक झेल रहे हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथी की समस्या का स्थायी समाधान निकालने का आग्रह किया है. इसे भी पढ़ें : हिंडनबर्ग">https://lagatar.in/hindenburg-hits-back-at-sebi-chief-says-butch-should-share-information-of-clients-of-his-consultancy-firms/">हिंडनबर्ग

का सेबी चीफ पर पलटवार, कहा- बुच अपनी परामर्श संस्थाओं के ग्राहकों की जानकारी साझा करें
[wpse_comments_template]
Follow us on WhatsApp